जगत-प्लॉण्टी

जगत-प्लांटी (Kingdom Plantae)

यह समूह बहुकोशिकीय पादपों का है, जो पृथ्वी और जल में पाई जाती हैं। इसमें शैवाल (लाल, ब्राउन और हरे), ब्रायोफाइट्स, टेरिडोफाइट्स, अनावृत्तबीजी (Gymnosperms) और आवृत्तबीजी (Angiosperms) शामिल हैं। इस पादप जगत के मुख्य लक्षण निम्नलिखित हैं:

मुख्य लक्षण:

  1. स्वपोषी और बहुकोशिकीय: पादप जगत के सभी जीव बहुकोशिकीय और स्वपोषी होते हैं। इसका मतलब है कि ये अपना पोषण मुख्य रूप से प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) के द्वारा प्राप्त करते हैं। इनकी कोशिकाएँ यूकैरियोटिक होती हैं, यानी इनमें नाभिक (nucleus) और अन्य कोशिकांग होते हैं।
  2. कोशिका भित्ति: पादपों की कोशिकाओं में सेल्यूलोज की कोशिका भित्ति पाई जाती है, जो इनकी कोशिकाओं को एक कठोर संरचना प्रदान करती है। इसके कारण इनकी कोशिकाओं में लचीलापन कम होता है।
  3. स्थिरता: पादप स्थिर होते हैं, यानी ये एक स्थान पर उगते हैं और चलते-फिरते नहीं हैं।
  4. लवक (Plastids): इनकी कोशिकाओं में लवक होते हैं, जो प्रकाश संश्लेषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सबसे प्रसिद्ध लवक क्लोरोप्लास्ट हैं, जो हरे रंग के होते हैं और प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक होते हैं।
  5. प्रजनन: पादपों में अलैंगिक और लैंगिक दोनों प्रकार का जनन पाया जाता है। अलैंगिक जनन में पादपों के छोटे हिस्से जैसे कि कलियाँ या भागों से नए पादप उग सकते हैं। लैंगिक जनन में फूलों, बीजों और पौधों की अन्य संरचनाओं का उपयोग होता है।
  6. प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis): पादप मुख्य रूप से प्रकाश संश्लेषण के द्वारा अपना पोषण प्राप्त करते हैं। इस प्रक्रिया में पादप सूर्य के प्रकाश, जल और कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करके भोजन (ग्लूकोज) बनाते हैं। इन्हें उत्पादक (Producers) कहा जाता है क्योंकि ये पृथ्वी पर जीवन के लिए आवश्यक ऊर्जा का स्रोत प्रदान करते हैं।
  7. भोजन संग्रह: पादप अपना भोजन स्टार्च के रूप में संग्रहित करते हैं। उदाहरण के लिए, सभी हरे बहुकोशिकीय पादप स्टार्च को संग्रहित करते हैं।
  8. विषमपोषी पादप: कुछ पादप विषमपोषी भी हो सकते हैं। जैसे कस्कुटा (Cuscuta), जो एक परजीवी पौधा है, और कुछ कीटभक्षी पौधे जैसे पिचर प्लांट (Pitcher Plant) और सनड्यू प्लांट (Sundew Plant), जो छोटे कीटों से अपना पोषण प्राप्त करते हैं। इसके अलावा, लेग्यूम्स (Legumes) जिनकी जड़ों में नाइट्रोजन-फिक्सिंग जीवाणु होते हैं, यह भी एक प्रकार के विषमपोषी पौधे होते हैं।

इस प्रकार, पादप जगत का मुख्य उद्देश्य पृथ्वी पर जीवन के लिए ऊर्जा का उत्पादन करना और पर्यावरण में संतुलन बनाए रखना है।

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