जगत प्रोटिस्टा

जगत प्रोटिस्टा (Kingdom: Protista)

जगत प्रोटिस्टा में अधिकांशतः एककोशिकीय यूकैरियोटिक जीव पाए जाते हैं, जो प्रायः जलमयी (Aquatic) होते हैं। इनकी संरचना और जीवनशैली में विविधता होती है। प्रोटिस्टा का वर्गीकरण विभिन्न प्रकार के जीवों के आधार पर किया जाता है, जो एक ही कोशिका से बने होते हैं, लेकिन उनकी जीवनशैली और कार्य में अंतर होता है। इस जगत के जीवों के मुख्य लक्षण निम्नलिखित हैं:

प्रमुख लक्षण:

  1. यूकैरियोटिक एककोशिकीय जीव
    प्रोटिस्टा में शामिल सभी जीव यूकैरियोटिक (eukaryotic) होते हैं, यानी इनमें कोशिका का केन्द्रक (nucleus) तथा अन्य कोशिकांग (organelles) विकसित होते हैं। ये सभी जीव एककोशिकीय होते हैं, जिसका अर्थ है कि उनका शरीर केवल एक ही कोशिका से बना होता है।
  2. केन्द्रक और कोशिकांग
    प्रोटिस्टा के जीवों में विकसित केन्द्रक और लगभग द्वि-झिल्लीयुक्त कोशिकांग (membrane-bound organelles) पाए जाते हैं, जो इनकी कोशिकाओं को अधिक जटिल और कार्यक्षम बनाते हैं।
  3. जनन
    इन जीवों में जनन अलैंगिक (asexual) और लैंगिक (sexual) दोनों प्रकार से होता है। अलैंगिक जनन में, जैसे फिशन या बडिंग, एक ही कोशिका से नए जीव का निर्माण होता है। लैंगिक जनन में दो प्रोटिस्टा के बीच आनुवांशिक जानकारी का आदान-प्रदान होता है।
  4. स्वपोषी और विषमपोषी
    प्रोटिस्टा के कुछ सदस्य स्वपोषी (autotrophic) होते हैं, जैसे फाइटोप्लैंकटन (phytoplankton), जो प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) द्वारा अपना पोषण प्राप्त करते हैं। वहीं कुछ विषमपोषी (heterotrophic) होते हैं, जैसे जूप्लैंकटन (zooplankton), जो अन्य जीवों को खाकर पोषण प्राप्त करते हैं। जूप्लैंकटन अक्सर परभक्षी (predatory) होते हैं, यानी वे अन्य छोटे जीवों को खाते हैं।
  5. तन्तुक और कशाभिका
    इन जीवों में तन्तुक (Cilia) और कशाभिका (Flagella) जैसी संरचनाएँ होती हैं, जो इन्हें गति प्राप्त करने में मदद करती हैं। इन संरचनाओं में सूक्ष्म नलिकाएँ (microtubules) व्यवस्थित रूप से पाई जाती हैं, जो त्वरित और नियंत्रित गति के लिए आवश्यक होती हैं।
  6. कोशिका भित्ति
    कुछ प्रोटिस्टा में कोशिका भित्ति (cell wall) पाई जाती है, जैसे फाइटोप्लैंकटन (एककोशिकीय शैवाल और डाइएटम), जबकि कुछ में कोशिका भित्ति अनुपस्थित होती है, जैसे प्रोटोजोआ (Protozoa)।
  7. परजीवी और सहजीवी व्यवहार
    कुछ प्रोटिस्टा के सदस्य परजीवी (parasitic) होते हैं, जो अन्य जीवों के शरीर में रहकर पोषण प्राप्त करते हैं, जबकि कुछ सहजीवी (symbiotic) होते हैं, जो अन्य जीवों के आहारनली में सहजीवी रूप से रहते हैं। इसके अलावा कुछ प्रोटिस्टा अपघटक (decomposers) की तरह कार्य करते हैं और मृत जैविक पदार्थों को नष्ट करते हैं।

उदाहरण:

  • अमीबा (Amoeba): यह एक प्रसिद्ध प्रोटिस्ट है जो अपनी अव्यक्त शरीर संरचना के कारण लगातार अपनी रूपरेखा बदलता है।
  • पैरामीशियम (Paramecium): यह एक तंतुयुक्त प्रोटिस्ट है जो जल में पाया जाता है और तन्तुओं द्वारा अपनी गति को नियंत्रित करता है।

प्रोटिस्टा के ये जीव जैव विविधता के अद्भुत उदाहरण हैं और उनका अध्ययन जीवविज्ञान में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

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