जीव विज्ञान दो शाखाओं, जन्तु विज्ञान (Zoology-Gr, Zoon जन्तु + logos – अध्ययन) और वनस्पति विज्ञान (Botany-Gr, Botane -वनस्पति) में बाँटते हैं।

जीव विज्ञान की शाखाएँ
वर्गिकी (Taxonomy) – जीव विज्ञान की वह शाखा जिसमें जीवों को खोजने, पहचानने, नामकरण करने और अन्त में उन्हें उनके गुणों के आधार पर निश्चित वर्ग या समूह में रखने का कार्य करते हैं।
आकारिकी (Morphology)- इसमें जीवों के स्वरूप (Form) और बाह्य आकार (External features) का अध्ययन करते हैं।
शारीरिकी (Anatomy) – जीव विज्ञान की वह शाखा है जिसमें जन्तुओं तथा पौधों के शरीर की आन्तरिक संरचना अध्ययन करते हैं।
औतिकी (Histology)- इसके अन्तर्गत जीवों के विभिन्न प्रकार के ऊतकों का अध्ययन विभिन्न प्रकार की वैज्ञानिकी विधियों, काट काटना (Section cutting), रंगना (Staining), निर्जलीकरण (Dehydration), स्थिरीकरण (Fixing) के द्वारा करते हैं।
कोशिका जीव विज्ञान (Cell biology or Cytology) जीव विज्ञान की वह शाखा है जिसमें कोशिकाओं की संरचना, कार्य, प्रजनन और जीवन-चक्र का अध्ययन किया जाता है।
जीव-रसायन (Bio-chemistry)- जीव विज्ञान की वह शाखा है जिसके अन्तर्गत जीवित कोशिकाओं के अन्दर उपस्थित रासायनिक पदार्थों, जैसे- कार्बोहाइड्रेट, न्यूक्लिक अम्ल, प्रोटीन आदि तथा उनका उपापचयी क्रियाओं में योगदान का अध्ययन करते हैं।
आणविक जीव विज्ञान (Molecular biology)- इसमें जैव रसायनशास्त्री आनुवंशिक पदार्थ को रासायनिक प्रवृत्ति के बारे में ज्ञान प्राप्त करते हैं।
कार्यिकी (Physiology)- इसमें जीवों के अन्दर होने वाली जैविक क्रियाओं (जैसे- श्वसन, पाचन, उत्सर्जन इत्यादि) की क्रियाविधि का अध्ययन करते हैं।
भूणिकी (Embryology)- इसके अन्तर्गत युग्मकजनन (Gametogenesis), निषेचन (Fertilization), युग्मनज (Zygote). युग्मनजों के विकास, भ्रूणों (Embryos) की रचना इत्यादि का अध्ययन किया जाता है।
पारिस्थितिकी (Ecology)- वह शाखा है जिसके अन्तर्गत जीवों के आपसी और वातावरण के सम्बन्धों का अध्ययन करते हैं।
आनुवंशिकी (Genetics) – जीव विज्ञान की वह शाखा है जिसके अन्तर्गत जीवों में पायी जाने वाली समानता, विभिन्नता और का अध्ययन हैं।
जीवाश्मिकी (Palacntology)- इसमें प्राचीनकाल के जीवों के जीवाश्मों (Fossils) का अध्ययन करते हैं। जन्तु जीवाश्मिकी (Palacozoology) में जन्तु जीवाश्मों और पादप जीवाश्मिकी (Palnoobotany) में पादप जीवाश्मों का अध्ययन करते हैं।
अन्तरिक्ष जीव विज्ञान (Exobiology) – मनुष्य हमेशा से ही जिज्ञासु प्रकृति का रहा है। ऐसा माना जाता है कि अन्तरिक्ष के दूसरे ग्रहों पर जीवों का विकास पृथ्वी के समान ही हुआ है और वहाँ पर भी जीवन है। जीव विज्ञान की वह शाखा जो अन्तरिक्ष के दूसरे पिण्डों पर स्थित जीवन की सम्भावना इत्यादि के पता लगाने का कार्य करती है, अन्तरिक्ष जीव विज्ञान कहलाती है ।
सुजननिकी (Eugenics) – जीव विज्ञान की वह आधुनिक शाखा है जिसके अन्तर्गत आनुवंशिकता (Heredity) के आधार पर मानव जाति को श्रेष्ठ बनाये जाने की विधियों का अध्ययन करते हैं।
मधुमक्खी पालन (Apiculture)- इसके अन्तर्गत मधुमक्खियों के पालन-पोषण के वैज्ञानिक ढंग का अध्ययन करते हैं। मधुमक्खियों से मोम और शहद प्राप्त होते हैं। मधुमक्खी पालन ने अब एक उद्योग का रूप ले लिया है।
मानव विज्ञान (Anthropology) –इसके अन्तर्गत मानवों का विकास सम्बन्धी अध्ययन किया जाता है।
जीवाणु विज्ञान (Bacteriology)- इसके अन्तर्गत जीवाणुओं का अध्ययन किया जाता है।
जैव-भैषजिक यान्त्रिकी (Bio-medical engineering) – इसके अन्तर्गत जीवों (मनुष्य) के कृत्रिम अंगों के निर्माण का अध्ययन करते हैं।
रोग विज्ञान (Pathology) -इसके अन्तर्गत विभिन्न प्रकार के रोगों (जन्तुओं एवं पौधों के), उनके कारकों, लक्षणों, निदानों इत्यादि का अध्ययन करते हैं।
रेशम कीट पालन (Sericulture) सिल्क या रेशम एक विशेष प्रकार के कीड़े से प्राप्त होता है। जीव विज्ञान की वह शाखा जिसके अन्तर्गत सिल्क पैदा करने वाले कीड़ों को पालने तथा उनसे रेशम निकालने की विधि का अध्ययन करते हैं, रेशम कीट पालन कहलाती है।
मत्स्य पालन (Pisciculture) इसके अन्तर्गत मत्स्य पालन का अध्ययन करते हैं। इस शाखा ने एक वृहद् उद्योग को जन्म दिया है।
दुग्ध विज्ञान (Dairy science) इसके अन्तर्गत दुग्ध उत्पादन की विधियों तथा उसे बढ़ाने के तरीकों का अध्ययन करते हैं।
फोरेन्सिक विज्ञान (Forensic science) वह शाखा है, जिसमें हम वैज्ञानिक ज्ञान का उपयोग आपराधिक मामलों में करते हैं। जैसे- रुधिर वर्गों और उँगली चिह्नों (Fingerprints) के द्वारा अपराधियों की पहचान ।
वन विज्ञान (Forestry) इसके अन्तर्गत वनों को लगाने की विधियों, संरक्षण और कटाई की विधियों का अध्ययन करते हैं।
मुर्गी पालन विज्ञान (Poultry science) इसके अन्तर्गत मुर्गी, बत्तख, हंस इत्यादि पक्षियों के पालन-पोषण और सुधारों आदि का अध्ययन करते हैं।
सूक्ष्म जीव विज्ञान (Microbiology) इसके अन्तर्गत सूक्ष्मदर्शीय (Microscopic) जीवों का अध्ययन करते हैं।
यान्त्रिकीय आनुवंशिकी (Genetic engineering) जीवों में ऐसे जीनिक परिवर्तन करने वाली शाखा है जिससे जीवों में नयी आनुवंशिक रचनायें बनती हैं।
पशु विज्ञान (Veterinary science) वह शाखा है, जिसमें पालतू पशुओं के रख-रखाव तथा उनके स्वास्थ्य का अध्ययन करते हैं।
कीट विज्ञान (Entomology)- इसमें कीटों का अध्ययन करते हैं।
मृदा विज्ञान (Soil science) मृदा या के पहलुओं का अध्ययन करते हैं।
जीव-भूगोल (Biogeography) इसके अन्तर्गत दोनों ही प्रकार के जीवों के भौगोलिक वितरण का अध्ययन करते हैं।
विकास (Evolution) इसमें जन्तुओं के विकास तथा उनके पूर्वजों एवं जीवाश्मों का अध्ययन करते हैं।
वातावरणीय प्रदूषण (Environmental pollution) – आज के आधुनिक युग में विज्ञान के क्षेत्र में उन्नति के साथ-साथ, जो उत्पाद बाहरी वातावरण में निष्कासित किए जा रहे हैं, वे वातावरणीय सन्तुलन को बिगाड़ रहे हैं जिससे जन्तुओं एवं पौधों पर उनका दुष्प्रभाव पड़ रहा है और तरह-तरह की असमानताएँ आती जा रही हैं। इस वातावरण प्रदूषण को दूर करने के लिए जीव विज्ञानी विधियों का प्रयोग किया जा रहा है। इन विधियों का अध्ययन विज्ञान की इस शाखा के अन्तर्गत करते हैं।
जीव विज्ञान की उपर्युक्त शाखाओं के अलावा जीवों के समूहों, अंगों इत्यादि के समुचित अध्ययन के लिए भी कुछ और शाखाओं का निर्माण किया गया है जिसमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं-
(i) विषाणु विज्ञान (Virology) विषाणु का अध्ययन।
(ii) शैवाल विज्ञान (Algology or Phycology) – शैवालों का अध्ययन।
(iii) कवक विज्ञान (Mycology) कवकों का अध्ययन।
(iv) डेण्ड्रोलॉजी विज्ञान (Dendrology) झाड़ी/ वृक्षों का अध्ययन।
(v) पुष्प विज्ञान (Anthology) पुष्पों का अध्ययन।
(vi) विज्ञान (Pomology) फलों का अध्ययन ।
(vii) पक्षी विज्ञान (Ornithology) -पक्षियों का अध्ययन ।
(viii) मत्स्य विज्ञान (Ichthyology)- मछलियों का अध्ययन।
(ix) सरीसृप विज्ञान (Herpetology)- सरीसृपों का अध्ययन।
(x) विरूपता विज्ञान (Teratology)- मनुष्यों में पायी जाने वाली जन्मजात विरूपताओं का अध्ययन।
(xi) मोलस्क विज्ञान (Malacology or Conchology)- मोलस्का जन्तुओं का अध्ययन।
(xii) जैवभौतिकी (Biophysics) – भौतिक सिद्धान्तों के आधार पर जैव क्रियाओं की व्याख्या का अध्ययन।
(xiii) सर्पविज्ञान (Ophiology)- सर्पों का अध्ययन।
(xiv) (Psychobiology)- जन्तु की मनोवृत्ति का अध्ययन।