वर्गिकी के अध्ययन के यंत्र (Tools for Study of Taxonomy)
वर्गिकी (Taxonomy) के अध्ययन में पौधों और जन्तुओं की पहचान, वर्गीकरण और अध्ययन हेतु कई यंत्रों और पद्धतियों का उपयोग किया जाता है। निम्नलिखित यंत्र और पद्धतियाँ इस अध्ययन में विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं:
1. वानस्पतिक उद्यान (Botanical Gardens)
वानस्पतिक उद्यान वे प्राकृतिक स्थल होते हैं, जिन्हें मानव ने स्थापित किया है, जहाँ पौधों को जीवित अवस्था में संरक्षित किया जाता है। यहाँ पर पौधों की विभिन्न प्रजातियों को ठीक से प्रबंधित किया जाता है और विभिन्न पौधों की मूलभूत जानकारियाँ प्राप्त होती हैं।
- वानस्पतिक उद्यान में पौधों को उनके प्राकृतिक आवास में संरक्षित किया जाता है और उनका अध्ययन किया जाता है।
- यह जीवित पौधों का खुला संग्रह होता है, जो शोधकर्ताओं और छात्रों के लिए महत्वपूर्ण शैक्षिक संसाधन प्रदान करता है।
- उदाहरण: क्यू गार्डन (Kew Gardens), भारत के राष्ट्रीय वानस्पतिक उद्यान (National Botanical Garden of India)।
2. हर्बेरियम (Herbarium)
हर्बेरियम पौधों का संग्रह होता है, जिसमें पादप प्रतिरूपों (plant specimens) को सूखा और दबाकर कागज की शीटों पर आरोपित किया जाता है। इसे एक व्यवस्थित पद्धति के अनुसार रखा जाता है, ताकि भविष्य में इनका संदर्भ और अध्ययन किया जा सके।
- हर्बेरियम में पौधों के सूखे और संरक्षित हिस्सों को संग्रहित किया जाता है, जैसे पत्तियाँ, फूल, फल, और बीज।
- हर्बेरियम संग्रह से पौधों की पहचान, वर्गीकरण, और उनके वितरण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होती है।
- उदाहरण: इंडिया हर्बेरियम, वर्ल्ड हर्बेरियम।
3. प्राणी उद्यान (Zoological Gardens)
प्राणी उद्यान या चिड़ियाघर में विभिन्न प्रकार के प्राणियों को एक स्थान पर संरक्षित किया जाता है। इन उद्यानों का उद्देश्य प्राणियों का संरक्षण, अध्ययन और जनता को जीवों के बारे में शिक्षा प्रदान करना होता है।
- प्राणी उद्यानों में प्रजातियों का जीवित संग्रह किया जाता है, जिससे जैविक विविधता को संरक्षित किया जा सके।
- यहाँ पर प्राणियों के व्यवहार, जीवन चक्र, पर्यावरणीय अनुकूलन, और संरक्षण की विधियों का अध्ययन किया जाता है।
- उदाहरण: दिल्ली चिड़ियाघर, बचली चिड़ियाघर (Lucknow Zoo)।
4. संग्रहालय (Museums)
संग्रहालय में जीवों के विभिन्न प्रकार के प्रतिरूप, अवशेष, और नमूनों को संरक्षित किया जाता है। संग्रहालयों में पौधों, जन्तुओं, कीड़ों, और अन्य जीवों के शारीरिक संरचनाओं का अध्ययन किया जाता है।
- संग्रहालयों में जीवों के शरीर के विभिन्न हिस्सों के नमूने, जैसे हड्डियाँ, खोपड़ी, और खोपड़ी के बाहर के हिस्से (इकोलॉजिकल, एंथ्रोपोलॉजिकल) संग्रहित होते हैं।
- संग्रहालयों में इन नमूनों के माध्यम से जीवों की विकासात्मक, आहार, और जीवनशैली के बारे में जानकारी प्राप्त की जाती है।
- उदाहरण: नेशनल म्यूज़ियम (National Museum), मद्रास म्यूज़ियम।
5. वर्गिकी कुंजी (Taxonomic Keys)
वर्गिकी कुंजी एक ऐसी पद्धति है, जिसे जीवों की पहचान करने और वर्गीकृत करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह एक मार्गदर्शिका के रूप में काम करती है, जिसमें विभिन्न लक्षणों के आधार पर विकल्प दिए जाते हैं।
- यह लक्षणों के द्वारा जाँच करके जीवों की पहचान की प्रक्रिया को सरल और सटीक बनाती है।
- वर्गिकी कुंजी के दो प्रमुख प्रकार होते हैं: डिचोटमस कुंजी (Dichotomous key) और बहुविकल्पी कुंजी (Multiple choice key)।
- यह कुंजी विशेष रूप से उपयोगी होती है जब जीवों की पहचान करने के लिए विशिष्ट लक्षणों को पहचानने की आवश्यकता होती है।
6. वर्गिकी साहित्य (Taxonomic Literature)
वर्गिकी साहित्य में विभिन्न जीवों के वर्गीकरण, पहचान और अन्य वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित पुस्तकें, जर्नल्स, और शोधपत्र शामिल होते हैं।
- ये साहित्य वर्गीकरण के अध्ययन में सहायक होते हैं और जीवों के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान करते हैं।
- इनमें जीवों के वितरण, उनकी जैविक विशेषताओं, और उनके वर्गीकरण पर आधारित नवीनतम शोध प्रकाशित होते हैं।
- उदाहरण: जर्नल ऑफ बॉटनी, जर्नल ऑफ जूलॉजी।
इन यंत्रों का उपयोग वर्गीकरण के अध्ययन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और जीवों की सही पहचान, संरक्षा, और वर्गीकरण को सरल और सटीक बनाता है।