मुगलकालीन विरोध और विद्रोह का समय कक्षा 7 सामाजिक विज्ञान (इतिहास)

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मुगलकालीन विरोध और विद्रोह का समय

याद रखने योग्य बातें

  • मुगलकाल में भारत पूरी दुनिया में एक सम्पन्न देश के रूप में प्रसिद्ध था। इसी सम्पन्नता से आकर्षित होकर विश्व के अनेक देशों के लोग व्यापार के लिए आए।
  • मुगल दरबार में शासन का सर्वोच्च बादशाह होता था।
मुगल दरबार मुगलकालीन विरोध और विद्रोह का समय
मुगल दरबार मुगलकालीन विरोध और विद्रोह का समय
  • राजा के दरबार में ऊँचे पदों में आसीन लोगों को अमीर कहते थे। ये अमीर तुर्क, ईरानी, हिन्दुस्तानी मुसलमान व राजपूत राजा होते थे।
  • मध्यम वर्ग-इसमें छोटे अधिकारी, सैनिक, व्यापारी आदि होते थे।
  • गाँवों में जमींदार बहुत ताकतवर थे। निम्नवर्ग-किसान, कारीगर, दलित वर्ग, सेवक आदि थे।
  • इस काल में भी छत्तीसगढ़ में कल्चुरियों का शासन था। हिन्दू-मुसलमान मिलकर त्यौहार मनाते थे। प्रमुख त्यौहार थे- दशहरा, दीपावली, होली, ईद, नौरोज, मुहर्रम आदि।
  • इस काल में तुलसीदास, कबीरदास, सूरदास, मीराबाई, रहीम, गुरुनानक एवं छ.ग. में गोपाल मिश्र जैसे भक्त कवि हुए, जिन्होंने धर्मों का आदर सिखाया।
  • इस काल में किसान खेती (कृषि) व सब्जी-फल उगाते थे, उन्हें अपने फसल का एक तिहाई भाग लगान के रूप में देना होता था।
  • सोलहवीं और सत्रहवीं शताब्दी में पुर्तगाल, इंग्लैंड तथा फ्रांस के व्यापारी भारत आए।
  • सन् 1498 में पुर्तगाल नाविक वास्कोडिगामा ने यूरोप से भारत तक के समुद्री रास्ते की खोज की।
  • इस काल में वास्तुकला, चित्रकला, संगीत और साहित्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास हुआ। शाहजहाँ निर्मित जामा मस्जिद व लाल किला का ‘दीवान-ए-खास’ व ‘दीवान-ए-आम’ विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं।
  • शाहजहाँ का शासनकाल ताजमहल, मयूर, सिंहासन तथा कोहिनूर हीरे के लिए अविस्मरणीय है। ‘ताजमहल’ विश्व के सात अजूबों में से एक है।
  • तब भारत से सूती कपड़े, नील, अफीम तथा काली मिर्च का निर्यात (भेजा) किया जाता था तथा बदले में सोना, चाँदी, कच्चा रेशम, मखमल आदि वस्तुएँ आयात (लाया) किया जाता था।

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