संघ – एनीलिडा (Phylum Annelida): परिचय
संघ एनीलिडा के अंतर्गत खण्डयुक्त प्राणियों (Segmented animals) को शामिल किया गया है। इनका शरीर खंडों में बँटा होता है, प्रत्येक खंड एक छल्ले (Ring) के रूप में होता है। इस संघ में लगभग 9,000 प्रजातियाँ सम्मिलित हैं।
एनीलिडा के सामान्य लक्षण:
- आवासीय स्वरूप:
- अधिकतर जलीय प्राणी (ताजे पानी और समुद्री पानी) होते हैं।
- कुछ स्वतंत्रजीवी (Free-living) और कुछ परजीवी (Parasitic) होते हैं।
- शारीरिक संरचना:
- द्विपाश्र्वीय सममिति (Bilaterally symmetrical)।
- शरीर खंडों में बँटा (Segmented) और त्रिस्तरीय (Triploblastic) होता है।
- देहगुहा (Coelom) स्पष्ट रूप से विकसित होती है।
- क्यूटिकल आवरण:
- शरीर क्यूटिकल नामक आवरण से घिरा होता है, जो त्वचा से स्रावित होता है और शरीर को सूखने से बचाता है।
- संकुचनशील शरीर:
- शरीर की पेशियाँ संकुचन और प्रसार में सक्षम होती हैं।
- शारीरिक योजना:
- नली अन्दर नली व्यवस्था (Tube within tube plan) पाई जाती है।
- प्रचलन अंग:
- काइटिनयुक्त कंटक (Setae): त्वचा में धंसे होते हैं और गति में सहायक होते हैं।
- पाचन तंत्र:
- सीधी आहार नाल, मुँह से गुदा तक फैली होती है।
- पाचन बहिकोशिकीय (Extracellular) होता है।
- परिसंचरण तंत्र:
- बंद परिसंचरण तंत्र (Closed circulatory system) पाया जाता है।
- रक्त में हीमोग्लोबिन होता है, लेकिन लाल रक्त कणिकाओं (RBCs) का अभाव होता है।
- हीमोग्लोबिन प्लाज्मा में पाया जाता है।
- उत्सर्जन तंत्र:
- उत्सर्जन नेफ्रीडिया (Nephridia) के माध्यम से होता है, जो विशेष कुण्डलित नलिकाएँ होती हैं।
- श्वसन तंत्र:
- श्वसन त्वचा, पैरापोडिया (Parapodia), या गिल्स (Gills) के माध्यम से होता है।
- तंत्रिका तंत्र:
- विकसित तंत्रिका तंत्र जिसमें मस्तिष्क, तंत्रिका रज्जू और तंत्रिका तंतु पाए जाते हैं।
- प्रजनन तंत्र:
- अधिकांश द्विलिंगी (Hermaphrodite) होते हैं।
- कुछ एकलिंगी (Unisexual) भी पाए जाते हैं।
एनीलिडा के प्रमुख उदाहरण:
- केंचुआ (Earthworm): Pheretima
- जोंक (Leech): Hirudinaria
- नेरिस (Nereis): समुद्री जल में पाया जाने वाला।
निष्कर्ष:
संघ एनीलिडा के प्राणी अत्यधिक संगठित और व्यवस्थित संरचना वाले जीव हैं। इनके खंडित शरीर और जटिल प्रणालियाँ इन्हें पर्यावरण में प्रभावी जीवित रहने में सहायक बनाती हैं।