विषाणुओं की प्रकृति (Nature of Viruses):
विषाणुओं (Viruses) की प्रकृति हमेशा से विवादास्पद रही है। कुछ वैज्ञानिक इन्हें निर्जीव मानते हैं, जबकि कुछ इन्हें सजीव मानते हैं। विषाणुओं में सजीवों और निर्जीवों दोनों के लक्षण पाए जाते हैं, और यही कारण है कि इन्हें सजीवों और निर्जीवों के बीच एक कड़ी (Connecting link) माना गया है।
विषाणुओं के गुण:
- निर्जीव अवस्था (Inert outside a host):
जीव शरीर से बाहर विषाणु एक रासायनिक पदार्थ के रूप में होते हैं। बाहरी वातावरण में ये निष्क्रिय रहते हैं और किसी भी जीवित प्रक्रिया को नहीं करते। - सजीव अवस्था (Active within a host):
जब विषाणु एक जीवित कोशिका के भीतर प्रवेश करते हैं, तो वे एक सजीव के समान व्यवहार करते हैं। वे अपनी जानकारी (genetic material) का उपयोग करते हुए कोशिका की गतिविधियों को नियंत्रित करते हैं, जिससे नए विषाणु बनाए जाते हैं। इस अवस्था में विषाणु अपनी पैटर्न की जैविक क्रियाओं जैसे प्रजनन और वृद्धि को शुरू कर देते हैं, जो कि केवल सजीवों के लिए विशेष हैं।
निष्कर्ष:
विषाणु बाहरी रूप में निर्जीव होते हैं, लेकिन जब वे किसी जीवित कोशिका के भीतर प्रवेश करते हैं, तो वे सजीव के समान व्यवहार करते हैं। इस कारण इन्हें जीव और निर्जीव के बीच एक संक्रमण कड़ी माना जाता है।