यूबैक्टीरिया (EUBACTERIA)

यूबैक्टीरिया (Eubacteria), जिसे सामान्य जीवाणु भी कहा जाता है, जीवाणुओं का एक प्रमुख वर्ग है। इस वर्ग के जीवाणुओं का अध्ययन जीवाणु विज्ञान (Bacteriology) के अंतर्गत किया जाता है। इन जीवाणुओं को सर्वप्रथम सन् 1683 में ऐंटोनी वॉन ल्यूवेनहॉक ने देखा और इन्हें “ऐनीमैलीक्यूल” कहा। बाद में, एरेनबर्ग ने इन्हें “बैक्टीरिया” नाम दिया। आजकल, इन्हीं जीवाणुओं का अध्ययन किया जाता है, और लुईस पाश्चर तथा रॉबर्ट कोच ने उनके योगदानों के माध्यम से इनकी जैविक और चिकित्सा उपयोगिता को स्पष्ट किया।

जीवाणुओं के लक्षण (Characteristic Features of Bacteria)

  1. सर्वव्यापीता (Ubiquity): जीवाणु सभी प्रकार के पर्यावरण में पाए जाते हैं।
  2. प्रोकैरियॉटिक संरचना (Prokaryotic structure): इनमें कोशिका झिल्ली से घिरे कोशिकांग (जैसे माइटोकॉण्ड्रिया, गॉल्जीकाय, आदि) नहीं होते हैं।
  3. कोशिका संरचना (Cell structure): इनकी कोशिकाभित्ति पेप्टीडोग्लाइकैन (Peptidoglycan) से बनी होती है, जिसे म्यूरीन भी कहते हैं।
  4. प्रजनन (Reproduction): ये द्विविखण्डन (Binary fission) द्वारा अलैंगिक प्रजनन करते हैं, और कुछ जीवाणु अंतः बीजाणु (Endospores) उत्पन्न करते हैं, जो उन्हें प्रतिकूल परिस्थितियों में जीवित रहने में मदद करते हैं।
  5. प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis): स्वयंपोषी (Autotrophic) जीवाणुओं में क्लोरोफिल पाया जा सकता है और वे प्रकाश संश्लेषण द्वारा भोज्य पदार्थों का निर्माण कर सकते हैं।
  6. कशाभिका (Flagella): कुछ जीवाणुओं में कशाभिका होती है, जो प्रचलन में सहायक होती है।
  7. श्वसनांग (Mesosomes): श्वसन क्रिया के लिए मीजोसोम (Mesosomes) पाए जाते हैं, जो प्लाज्मा झिल्ली के आवृत्त रचनाएं होती हैं।

जीवाणुओं के पादप जैसे लक्षण (Plant-like Features of Bacteria)

  • कोशिकाभित्ति का होना
  • पौधों के समान एन्जाइम और विटामिन्स का संश्लेषण
  • भोज्य पदार्थों को तरल रूप में ग्रहण करना
  • स्वयंपोषी जीवाणुओं में क्लोरोफिल का पाया जाना और प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा भोज्य पदार्थों का निर्माण

प्राप्ति स्थान (Occurrence)

जीवाणु सर्वव्यापी होते हैं और यह हर प्रकार के पर्यावरण में पाए जाते हैं, जैसे:

  • जल, वायु, मृदा
  • पौधों और जन्तुओं के शरीर में
  • उच्च (100°C) और निम्न (0°C) ताप वाले स्थानों में
  • बर्फ की चट्टानों और भूमि की गहराई में भी

कुछ जीवाणु सहजीवी रूप से भी पाए जाते हैं, जैसे राइजोबियम (Rhizobium), जो पौधों के जड़ों में उपस्थित होते हैं और नाइट्रोजन स्थिरीकरण में मदद करते हैं।

परिमाप (Size)

जीवाणु बहुत छोटे होते हैं, जिनका आकार लगभग 0.24 माइक्रोमीटर से लेकर 5-84 माइक्रोमीटर तक हो सकता है। उदाहरण के तौर पर, पाश्चुरेला (Pasteurella) का आकार 0.3×10-5 मीटर होता है।

इन लक्षणों के कारण, यूबैक्टीरिया जैविक और औद्योगिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि वे न केवल प्राकृतिक प्रक्रियाओं में भाग लेते हैं, बल्कि मानव जीवन में विभिन्न रोगों के कारण भी होते हैं।

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