मनुष्य के तंत्रिका तंत्र के भाग
मनुष्य का तंत्रिका तंत्र तीन मुख्य भागों में विभाजित किया गया है, जो आपस में समन्वय स्थापित करके शरीर की विभिन्न क्रियाओं का नियंत्रण और नियमन करते हैं।
1. केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र (Central Nervous System – CNS):
- यह तंत्रिका तंत्र का मुख्य नियंत्रण केंद्र है।
- इसमें मस्तिष्क (Brain) और मेरुरज्जु (Spinal Cord) शामिल होते हैं।
- कार्य:
- सभी स्वैच्छिक (Voluntary) और अवचेतन (Involuntary) क्रियाओं का नियंत्रण।
- संवेदी सूचनाओं का प्रसंस्करण और प्रतिक्रिया निर्माण।
- स्मृति, सोच, निर्णय और भावनाओं का संचालन।
2. परिधीय तंत्रिका तंत्र (Peripheral Nervous System – PNS):
- यह केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र से जुड़े तंत्रिका तंतुओं का नेटवर्क है, जो पूरे शरीर में फैला होता है।
- घटक:
- कपाल तंत्रिकाएँ (Cranial Nerves): मस्तिष्क से निकलने वाली तंत्रिकाएँ। (मनुष्य में 12 जोड़े पाए जाते हैं)।
- मेरुरज्जु तंत्रिकाएँ (Spinal Nerves): मेरुरज्जु से निकलने वाली तंत्रिकाएँ। (मनुष्य में 31 जोड़े पाए जाते हैं)।
- कार्य:
- संवेदी तंत्रिकाएँ (Sensory Nerves): शरीर से सूचना मस्तिष्क या मेरुरज्जु तक पहुँचाना।
- प्रेरक तंत्रिकाएँ (Motor Nerves): मस्तिष्क या मेरुरज्जु से आदेश को कार्यात्मक अंगों तक पहुँचाना।
3. स्वायत्त तंत्रिका तंत्र (Autonomic Nervous System – ANS):
- यह तंत्रिका तंत्र का वह भाग है, जो स्वचालित और अवचेतन क्रियाओं को नियंत्रित करता है।
- घटक:
- सहानुकंपी तंत्रिका तंत्र (Sympathetic Nervous System): तनाव या आपात स्थिति में शरीर की प्रतिक्रिया। (जैसे, हृदय गति बढ़ाना)।
- परानुकंपी तंत्रिका तंत्र (Parasympathetic Nervous System): सामान्य स्थिति में शरीर को शांत रखना। (जैसे, हृदय गति धीमी करना)।
- कार्य:
- श्वसन, पाचन, उत्सर्जन और हृदय गति जैसी स्वचालित क्रियाओं को नियंत्रित करना।
- बाह्य पर्यावरण में परिवर्तनों के प्रति अनुकूलन।
निष्कर्ष:
मनुष्य का तंत्रिका तंत्र एक जटिल प्रणाली है, जो तीन मुख्य भागों – CNS, PNS, और ANS के माध्यम से शरीर के विभिन्न अंगों और कार्यों को नियंत्रित और समन्वित करता है। यह तंत्रिका तंत्र शरीर की संवेदनाओं, प्रतिक्रियाओं और आंतरिक क्रियाओं के बीच सामंजस्य स्थापित करता है।