बेसिडियोमाइसिटीज (Basidiomycetes) के विशिष्ट लक्षण

बेसिडियोमाइसिटीज (Basidiomycetes) के विशिष्ट लक्षण

  1. कवक तन्तु और संरचना: बेसिडियोमाइसिटीज सबसे विकसित कवक समूह है, जिनका कवक तन्तु शाखित और पटीय होता है। यह समूह उच्च कवक (Higher fungi) के रूप में जाना जाता है।
  2. बेसिडियम और बेसिडियोस्पोर्स: इनमें लैंगिक जनन के दौरान एक विशिष्ट गुम्बदाकार संरचना बनती है, जिसे बेसिडियम (Basidium) कहते हैं। इस संरचना के ऊपर चार अगुणित बीजाणु (Basidiospores) बनते हैं, जो बहिर्जात रूप से (Exogenously) उत्पन्न होते हैं। इस वर्ग का नाम भी बेसिडियोस्पोर्स के आधार पर रखा गया है।
  3. अलैंगिक जनन: बेसिडियोमाइसिटीज में अलैंगिक जनन विभिन्न तरीकों से होता है, जैसे- कलिकायन (Budding), ओइडिया (Oidia), क्लैमाइडोस्पोर्स (Chlamydospores), और कर्णा (Conidia) द्वारा।
  4. लैंगिक जनन की प्रक्रिया: लैंगिक जनन में तीन प्रमुख क्रियाएँ होती हैं:
    • कोशिकाद्रव्य संयुग्मन (Plasmogamy): दो कोशिकाओं का संयुग्मन।
    • केन्द्रक संयुग्मन (Karyogamy): दो केन्द्रकों का संयुग्मन।
    • अर्द्धसूत्री विभाजन (Meiosis): विभाजन के द्वारा बीजाणुओं का निर्माण।
  5. कवकजाल के प्रकार: बेसिडियोमाइसिटीज में कवकजाल तीन प्रकार के होते हैं:
    • प्राथमिक कवकजाल (Primary Mycelium): इसमें कोशिकाएँ एककेन्द्रकीय और अगुणित होती हैं।
    • द्वितीयक कवकजाल (Secondary Mycelium): इसमें कोशिकाएँ द्विकेन्द्रकीय होती हैं। द्वितीयक तन्तु बनने के समय दो कवक तन्तु एक-दूसरे के पास आकर मिलते हैं, जिससे द्विकेन्द्रक कोशिका का निर्माण होता है।
    • तृतीयक कवकजाल (Tertiary Mycelium): इसके तन्तुओं से फलनकाय (Fruiting body) बनते हैं और कोशिकाएँ द्विकेन्द्रकीय होती हैं।
  6. उदाहरण:
    • एगैरिकस (Agaricus): एक सामान्य खाने योग्य मशरूम।
    • पक्सीनिया (Puccinia): गेहूँ में रस्ट रोग का कारण।
    • अस्टिलेगो (Ustilago): गेहूँ और जौ में स्मट रोग उत्पन्न करता है।

यह वर्ग उच्चतम कवकों के समूह में आता है, जिसमें अत्यधिक विकसित तन्तु और विशेष लैंगिक प्रजनन क्रियाएँ पाई जाती हैं। इन कवकों का कवकजाल और बीजाणु निर्माण प्रक्रिया बहुत जटिल होती है, जो इन्हें अन्य वर्गों से विशिष्ट बनाती है।

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