प्रोटिस्ट जीवों में प्रजनन

प्रोटिस्टा जगत में प्रजनन (Reproduction in Protista Kingdom)

प्रोटिस्टा जगत के जीवों में प्रजनन की दो मुख्य विधियाँ होती हैं: अलैंगिक जनन और लैंगिक जनन

(A) अलैंगिक जनन (Asexual Reproduction)

अलैंगिक जनन में एक जीव अपने स्वयं के शरीर से संतति उत्पन्न करता है, जो आनुवंशिक रूप से जनक के समान होती हैं। अलैंगिक जनन के विभिन्न प्रकार हैं:

  1. विखण्डन (Fission)
    इस प्रक्रिया में एक प्रोटिस्ट कोशिका समसूत्री विभाजन (Mitosis) द्वारा दो या अधिक संतति कोशिकाओं में बंट जाती है।
    • द्विविखण्डन (Binary fission): जब प्रोटिस्ट जीव केवल एक बार समसूत्री विभाजन करके दो भागों में बंटता है, इसे द्विविखण्डन कहते हैं। उदाहरण- अमीबा
    • बहुविखण्डन (Multiple fission): जब कई बार समसूत्री विभाजन के बाद कई संतति कोशिकाएँ बनती हैं, इसे बहुविखण्डन कहते हैं। उदाहरण- प्लाज्मोडियम
    विभाजन का प्रकार:
    • अनुप्रस्थ विभाजन (Transverse fission): जैसे कि पैरामीशियम में।
    • लम्बवत विभाजन (Longitudinal fission): जैसे कि युग्लीना और ट्रिपैनोसोमा में।
  2. पुटीभवन (Cyst formation)
    प्रतिकूल परिस्थितियों में जैसे पानी की कमी या अत्यधिक तापमान के दौरान, प्रोटिस्ट कोशिकाएँ अपने चारों ओर एक मोटी भित्ति (Cyst) का निर्माण करती हैं, जो उन्हें इन परिस्थितियों से बचाती है। पुटी बनने के बाद जब अनुकूल परिस्थिति आती है, तो पुटी पानी अवशोषित करती है और कोशिका विभाजन द्वारा संतति उत्पन्न करती है।
  3. बीजाणुओं द्वारा (By spores)
    कुछ प्रोटिस्टों में बीजाणुओं द्वारा प्रजनन होता है, जिनसे नए जीव उत्पन्न होते हैं। उदाहरण- अवपंक कवक (Slime molds)।
  4. कलिकायन द्वारा (By budding)
    कुछ प्रोटिस्ट अपनी कोशिका से एक छोटी शाखा (बड) उत्पन्न करते हैं, जो बाद में अलग होकर नया जीव बनाती है। उदाहरण- एण्टअमीबा (Entamoeba), यीस्ट (Yeast)।

(B) लैंगिक जनन (Sexual Reproduction)

लैंगिक जनन में दो विशेष प्रकार की युग्मक कोशिकाएँ (Gametes) बनती हैं, जिन्हें नर युग्मक (Male gamete) और मादा युग्मक (Female gamete) कहा जाता है। ये युग्मक संलयित होकर एक युग्मनज (Zygote) बनाते हैं, जो विभाजन के बाद नए जीव का निर्माण करता है।

  1. लैंगिक जनन का विकास
    लैंगिक जनन को जनन का विकसित रूप माना जाता है, क्योंकि इसमें आनुवंशिक विविधता और अनुकूलन के लिए अवसर मिलता है। यह प्रकृति में बदलाव के साथ जीवों के अनुकूलन के लिए महत्वपूर्ण है।
  2. निषेचन (Fertilization)
    लैंगिक जनन के दौरान, नर युग्मक (जो छोटा और चलने वाला होता है) और मादा युग्मक (जो बड़ा और अचल होता है) मिलकर निषेचन करते हैं, जिससे युग्मनज बनता है। इस प्रक्रिया के बाद युग्मनज में विभाजन (Meiosis) होता है और नई संतति उत्पन्न होती है।
  3. लैंगिक जनन का उदाहरण
    कुछ प्रोटिस्टा जीवों में कम विकसित और कुछ में विकसित लैंगिक जनन पाया जाता है। लैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न जीव आनुवंशिक रूप से विविध होते हैं, जिससे प्रजातियाँ वातावरण में परिवर्तन के अनुकूल हो सकती हैं।

निष्कर्ष:

प्रोटिस्टा जगत के जीवों में प्रजनन की विविध विधियाँ पाई जाती हैं, जो उन्हें बदलती परिस्थितियों में जीवित रहने और विकसित होने में मदद करती हैं। इन विधियों के माध्यम से प्रोटिस्ट जीवों में आनुवंशिक विविधता और अनुकूलन सुनिश्चित होता है, जो जीवन के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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