प्रोटिस्टा का वर्गीकरण (Classification of Protista),

प्रोटोजोआ समुदाय के जीवों को पाँच जगत वर्गीकरण पद्धति में चार प्रमुख संघों में वर्गीकृत किया गया है। ये संघ उनके संरचनात्मक और जीवन चक्र के आधार पर विभाजित किए गए हैं। निम्नलिखित हैं ये चार संघ और उनके महत्वपूर्ण लक्षण:

1. गुप्तजिलेट्स या मैस्टिगोफोरा (Zooflagellates or Mastigophora)

  • ये पर्णहरि विहीन और कशाभिकाएँ (flagella) वाले जीव होते हैं।
  • इनमें एक या अधिक कशाभिकाएँ पाई जाती हैं जो इन्हें गति करने में मदद करती हैं।
  • पोषण अवशोषण या भक्षण क्रिया (Phagocytosis) द्वारा होता है।
  • ये आमतौर पर स्वतंत्रजीवी होते हैं, लेकिन कुछ परजीवी भी होते हैं।
  • उदाहरण:
    • ट्रिपैनोसोमा (Trypanosoma) – यह कशेरुकियों के रुधिर और आहारनाल में पाया जाता है और मलेरिया जैसी बीमारियाँ उत्पन्न करता है।
    • लिश्मानिया (Leishmania) – यह काला-अजार रोग का कारण होता है, जो सैंड मक्खी द्वारा फैलता है।
    • जिआर्डिया (Giardia) – यह मनुष्य की आँत में पाया जाने वाला परजीवी है।

2. राइजोपोडा (Sarcodines or Rhizopoda)

  • इनमें कूटपाद (Pseudopodia) होते हैं, जो शरीर की अतिवृद्धियाँ होती हैं, जो गति और भोजन ग्रहण के लिए प्रयोग की जाती हैं।
  • इनका आकार सामान्यतः परिवर्तनशील होता है।
  • उदाहरण:
    • अमीबा (Amoeba) – यह सामान्य सार्कोडाइन है।
    • एण्ट amoeba histolytica – यह मनुष्य की आँत में पाया जाता है और पेचिश (dysentery) उत्पन्न करता है।

3. स्पोरोजोअन्स (Sporozoans or Parasitic Protozoa)

  • ये परजीवी होते हैं और सरल रचना वाले जीव होते हैं।
  • इनमें चलन अंग और कशाभिकाएँ नहीं होतीं।
  • इनके जीवन चक्र में पीढ़ी एकान्तरण (alternation of generations) होता है।
  • उदाहरण:
    • प्लाज्मोडियम (Plasmodium) – यह मलेरिया का कारण बनता है और मच्छर और मनुष्य में जीवन चक्र पूरा करता है।

4. सिलिएटा (Ciliata)

  • इनका शरीर पेलिकल नामक आवरण से ढंका होता है।
  • प्रचलन के लिए पूरे शरीर पर या इसके कुछ भागों में सिलिया (cilia) पाई जाती हैं।
  • इनमें दो प्रकार के केन्द्रक होते हैं – मैक्रोन्यूक्लियस (Macronucleus) और माइक्रोन्यूक्लियस (Micronucleus)।
  • उदाहरण:
    • पैरामीशियम (Paramecium) – यह एक प्रसिद्ध सिलिएट है।
    • बैलेन्टीडियम (Balantidium) – यह मनुष्य के पेट में पाया जा सकता है।

इन संघों के माध्यम से प्रोटोजोआ समुदाय के जीवों का विश्लेषण किया जाता है, और इन्हें उनके संरचनात्मक विशेषताओं, जीवन चक्र और पोषण के तरीके के आधार पर वर्गीकृत किया गया है।

Leave a Comment