तंत्रिका तंत्र की परिभाषा

तंत्रिका तंत्र (Nervous System) एक विशिष्ट ऊतक प्रणाली है, जो जीवों को सोचने, समझने, संवेदनाओं का अनुभव करने और बाह्य परिवर्तनों या उद्दीपनों को ग्रहण करने की क्षमता प्रदान करती है। यह प्रणाली संवेदी अंगों के माध्यम से बाह्य और आंतरिक परिवर्तनों को पहचानकर शरीर के विभिन्न अंगों के बीच समन्वय स्थापित करती है।


तंत्रिकीय ऊतक (Nervous Tissue):

  • तंत्रिकीय ऊतक मुख्यतः न्यूरॉन्स (Neurons) और न्यूरोग्लिया (Neuroglia) से मिलकर बनता है।
  • ये भ्रूण के एक्टोडर्म (Ectoderm) से उत्पन्न होते हैं, विशेष रूप से न्यूरल प्लेट (Neural Plate) से।
  • न्यूरॉन्स को तंत्रिकीय ऊतक की इकाई कहा जाता है।

न्यूरॉन्स का मुख्य ढाँचा:

  1. साइटॉन (Cyton): न्यूरॉन का कोशिका शरीर, जिसमें केन्द्रक (Nucleus) और कोशिकीय अंग होते हैं।
  2. डेंड्राइट्स (Dendrites): छोटे प्रवर्ध, जो उद्दीपनों को ग्रहण करते हैं।
  3. एक्सॉन (Axon): लंबा, बेलनाकार प्रवर्ध, जो उद्दीपनों को आगे की कोशिका तक ले जाता है।
  • आवेग (Impulse) का संचार एक्सॉन की एक कोशिका से दूसरी कोशिका के डेंड्राइट्स तक होता है।

तंत्रिका तंत्र का निर्माण:

  1. साइटॉन का समूह: गुच्छिका (Ganglia) बनाता है।
  2. एक्सॉन का समूह: तंत्रिका (Nerve) बनाता है।
  3. न्यूरॉन्स -> तंत्रिकीय ऊतक -> तंत्रिकीय तंत्र।

तंत्रिका तंत्र के कार्य:

  1. वातावरण से संवेदी अंगों के माध्यम से शरीर को जोड़ना।
  2. विभिन्न अंगों की क्रियाओं का समन्वयन करना।
  3. सोचने, समझने और याद रखने की क्षमता प्रदान करना।
  4. शरीर के आंतरिक और बाह्य कार्यों का संतुलन बनाए रखना।

तंत्रिकीय समन्वयन (Nervous Coordination):

पारिभाषा:
तंत्रिका तंत्र द्वारा संचालित होकर नियंत्रित होने वाली सभी क्रियाओं का सामंजस्यपूर्ण नियमन और नियंत्रण तंत्रिकीय समन्वयन (Nervous Coordination) कहलाता है।

यह तंत्र:

  • याद रखने, सोचने, और समझने की क्षमता प्रदान करता है।
  • शरीर के विभिन्न अंगों के कार्यों में सामंजस्य स्थापित करता है।
  • संतुलन और नियंत्रण स्थापित करके शरीर के सुचारु संचालन को सुनिश्चित करता है।

निष्कर्ष:

तंत्रिका तंत्र एक जटिल और अत्यधिक संगठित प्रणाली है, जो संवेदी अंगों के माध्यम से शरीर के अंदर और बाहर होने वाले परिवर्तनों का अनुभव करती है। यह मस्तिष्क, मेरुरज्जु, तंत्रिकाओं और कार्यान्वयक अंगों के समन्वय से शरीर की हर क्रिया को संचालित करता है।