जीवाणु कोशिका की संरचना
जीवाणु कोशिका के संरचनाओं का संक्षिप्त विवरण दिया गया है:

- कैप्सूल (Capsule):
- यह कुछ परजीवी जीवाणुओं, जैसे डिप्लोकोक्कस न्यूमोनी (Diplococcus pneumonia), द्वारा निर्मित एक सुरक्षात्मक स्तर होता है। यह पॉलीसेकेराइड्स (जैसे डेक्स्ट्रॉन, डेक्स्ट्रीन, लेवान) से बना होता है और जीवाणु कोशिका को हानिकारक रसायनों और प्रतिकूल पर्यावरणीय परिस्थितियों से सुरक्षा प्रदान करता है। यह रोगजनक जीवाणुओं की रोगोत्पादक क्षमता को प्रभावित करता है, और इसका नष्ट होना रोगजनक क्षमता को समाप्त कर देता है।
- कोशिका भित्ति (Cell Wall):
- जीवाणु कोशिका के चारों ओर एक मजबूत सेल्यूलोज़ से बनी कोशिका भित्ति होती है, जिसमें पॉलीसेकेराइड्स, अमीनो अम्ल, और लिपिड्स भी होते हैं। यह कोशिका भित्ति पेपीटिडोग्लाइकॉन या म्यूकोपेप्टाइड नामक पदार्थ से बनी होती है। ग्राम धनात्मक जीवाणुओं में इसकी मात्रा अधिक (90%) होती है, जबकि ग्राम ऋणात्मक जीवाणुओं में यह कम (3-12%) होती है।
- प्लाज्मा झिल्ली (Plasma Membrane):
- यह एक लाइपोप्रोटीन की बनी झिल्ली होती है जो कोशिकाद्रव्य के चारों ओर स्थित होती है। इस झिल्ली में मोजोसोम (Mesosome) होते हैं, जो श्वसन की प्रक्रिया में भाग लेते हैं और माइटोकॉण्ड्रिया की तरह कार्य करते हैं। इसमें श्वसन से संबंधित एन्जाइम और इलेक्ट्रॉन संवहन तंत्र होते हैं।
- कोशिकाद्रव्य (Cytoplasm):
- यह एक रंगहीन, पारदर्शी पदार्थ होता है जिसमें लवण, कार्बोहाइड्रेट्स, वसा, अमीनो अम्ल और अन्य घटक होते हैं। कोशिकाद्रव्य में राइबोसोम, रिक्तिकाएँ, और मोजोसोम भी पाई जाती हैं। यूकैरियोटिक कोशिकांगों (जैसे माइटोकॉण्ड्रिया, गॉल्जी, प्लास्टिड) का अभाव होता है।
- न्यूक्लियॉइड (Nucleoid):
- जीवाणुओं में पूर्ण संगठित नाभिक का अभाव होता है, और इसका DNA वलयाकार (circular) और नग्न (Histone proteins के बिना) होता है। इसे जीनोफोर (Genophore) कहा जाता है।
- प्लाज्मिड (Plasmid):
- यह कोशिकाद्रव्य में पाया जाने वाला एक अतिरिक्त, बाह्य नाभिकीय द्विसूत्री DNA होता है, जो आनुवंशिक पुनर्संयोजन (genetic recombination) में भाग लेता है। जब ये मुख्य DNA से जुड़ते हैं, तो इन्हें इपीसोम (Episome) कहा जाता है।
- कशाभिका (Flagella):
- कशाभिका कुछ जीवाणुओं में पाए जाते हैं और ये जीवाणुओं के प्रचलन (locomotion) में मदद करते हैं। ये फ्लैजिलिन प्रोटीन से बने होते हैं और इनका आधारीय भाग कोशिका झिल्ली के अंदर होता है जिसे बेसल बॉडी (Basal Body) कहते हैं।
इन संरचनाओं और उनके कार्यों के माध्यम से जीवाणु अपनी जीवन प्रक्रियाओं को संपन्न करते हैं और विभिन्न परिस्थितियों में अपना अस्तित्व बनाए रखते हैं।