जीवाणुओं में प्रचलन और कशाभिकीकरण (Locomotion and Flagellation in Bacteria)
जीवाणुओं में प्रचलन (locomotion) के लिए प्रमुख अंग कशाभिका (Flagella) होते हैं। कशाभिका केवल उन जीवाणुओं में पाई जाती है जो गतिशील होते हैं (motile bacteria)। यह अंग जीवाणु की गतिशीलता में मदद करता है, जिससे वे वातावरण में अपनी स्थिति बदल सकते हैं। कशाभिका के विन्यास (arrangement) के आधार पर जीवाणु की श्रेणी की पहचान की जाती है।
कशाभिका के प्रकार निम्नलिखित होते हैं:
- कशाभिकारहित या एट्राइकस (Atrichous):
- इन जीवाणुओं में कशाभिका का अभाव होता है, यानी वे गतिशील नहीं होते।
- उदाहरण: पाश्चुरेला (Pasteurella), लैक्टोबेसिलस (Lactobacillus)
- मोनोटाइकस (Monotrichous):
- इन जीवाणुओं के एक सिरे पर एक कशाभिका पाई जाती है, जो उन्हें एक दिशा में प्रचलन करने में सहायता करती है।
- उदाहरण: स्यूडोमोनास फ्लुओरेसेन्स (Pseudomonas fluorescence), विब्रियो कॉलेरी (Vibrio cholerae)
- एम्फीट्राइकस (Amphitrichous):
- इन जीवाणुओं के दोनों सिरों पर एक-एक कशाभिका पाई जाती है, जो उन्हें दिशा बदलने की सुविधा देती है।
- उदाहरण: नाइट्रोसोमोनास (Nitrosomonas)
- लोफोट्राइकस (Lophotrichous):
- इन जीवाणुओं के दोनों सिरों पर कशाभिकाओं का एक-एक गुच्छा पाई जाती है, जो प्रचलन में मदद करती है।
- उदाहरण: स्पाइरिलम वाल्युटैन्स (Spirillum volutans)
- सिफैलोट्राइकस या एम्फीलोफोट्राइकस (Cephalotrichous or Amphilophotrichous):
- ऐसे जीवाणुओं में एक सिरे पर दो या दो से अधिक कशाभिकाएं पाई जाती हैं, जो उन्हें गतिशीलता प्रदान करती हैं।
- उदाहरण: स्यूडोमोनास फ्लूरेसेन्स (Pseudomonas fluorescence)
कशाभिका के इन विभिन्न प्रकारों का अध्ययन जीवाणुओं की गतिशीलता को समझने में मदद करता है और यह भी पता चलता है कि किस प्रकार से ये जीवाणु अपने परिवेश के अनुकूल अपनी गति और दिशा बदल सकते हैं।