कक्षा 8 संस्कृत आदर्श प्रश्न पत्र केंद्रीय विद्यालय परीक्षा सत्र 2025

कक्षा 8 संस्कृत आदर्श प्रश्न पत्र केंद्रीय विद्यालय परीक्षा सत्र 2025

प्रश्न 1 (अ) – बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर:

1.1 फाल्गुनमासे
1.2 फलानि
1.3 पाणिनिः आशिषः
1.4 श्रीदेव्या
1.5 स्वस्थाः

प्रश्न 1 (ब) – रिक्त स्थान पूर्ति के उत्तर:

1.6 वीणा धार्यते — सरस्वती
1.7 ऋतुषु अनएकानि — मन्दिरे
1.8 वायुः मर्कटः — गच्छति
1.9 सीतायाः गुहा — एकम्
1.10 कविकुलगुरुः — कालिदासः

प्रश्न 1 (स) – सही उत्तर:

1.11 विद्या + आलय: = विद्यालय:
1.12 शिक्षकः एकवचन
1.13 पठति का बहुवचन रूप पठन्ति
1.14 अहम् शब्द का विभक्ति रूप – अहम् (प्रथमा),
1.15 गीताङ्गोंदकम अर्थ – गीता गंगा जल की तरह


प्रश्न 2 – उचित शब्द रूप से तालिका पूर्ण करें:

विभक्तिएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथमअहम्आवाम्वयम्
द्वितीयाबालकम्बालकौबालकान्

प्रश्न 3 – भारतीयसंस्कृतेः विषेशतः

भारतीयसंस्कृतेः विशेषताः –भारतीयसंस्कृतौ धर्मस्य प्राधान्यम् अस्ति । आध्यात्मिकी भावना मानवं दैवत्वं प्रापयति 


प्रश्न 4 – धातु और प्रत्यय अलग कीजिए:

पदधातु + प्रत्यय
भूत्वा भू’ धातु और ‘क्त्वा’ प्रत्यय
लिखितुम‘लिख्’ धातु और ‘तुमुन्’ प्रत्यय

प्रश्न 5 – समास विधि का नाम लिखिए:

  1. पंचवटी – पञ्चानां वटानां समाहारः द्विगु समास
  2. परोपकार : परेषां उपकाराय कृतम् कर्म’ तत्पुरुष समास

प्रश्न 6 – संख्यावाची शब्दों से रिक्त स्थानों की पूर्ति करें:

  1. वेदः चत्वारः सन्ति । 
  2. सौरमण्डले एकः आदित्यः अस्ति

प्रश्न 7 – संधि विच्छेद करें:

  1. सूर्योदयः = सूर्य + उदयः
  2. भूभागोऽयम् = भू + भाग + अयम्

प्रश्न 8 – चित्र देखकर संस्कृत में नाम लिखिए:

  1. गौः (गाय)
  2. सिंहः (सिंह)
  3. काकः (कौवा)

प्रश्न 9 – संस्कृत में अनुवाद करें:

  1. मानव जीवन में अनुशासन महत्वपूर्ण है।
    मानवस्य जीवने अनुशासनं महत्त्वपूर्णम् अस्ति।
  2. विद्यार्थी व्यर्थ शोभित नहीं होता है।
    विद्यार्थी व्यर्थं न शोभते।
  3. आज मेरा जन्मदिन है।
    अद्य मम जन्मदिनम् अस्ति।

प्रश्न 10 – गद्यांश के आधार पर उत्तर दें:

  1. ‘छत्तीसगढ़स्य लोकजीवनं संस्कृतिश्च, धार्मिकोत्सवानां ऋतुपरिवर्तनं च प्रचलितं।’
    अनुवाद: छत्तीसगढ़ का लोकजीवन और संस्कृति, धार्मिक उत्सव तथा ऋतुओं का परिवर्तन प्रचलित है।
  2. ‘सीमंतसंस्काररावसरे गेयगीतं किमुच्यते ?’
    उत्तर: ‘सीमंतसंस्काररावसरे गेयगीतं सधौरिगितम इतिउच्यते ‘
  3. गायन्ति‘ इति क्रिया पदस्य एकवचनं लिखत।
    उत्तर: गायति (एकवचन), गायतः (द्विवचन), गायन्ति (बहुवचन)।

प्रश्न 11 – संस्कृत गद्यांश का हिंदी में अनुवाद करें:

संस्कृत गद्यांश:
“डॉ. राधाकृष्ण महाभागः अस्माकं देशस्य द्वितीयः राष्ट्रपतिः आसीत्। तस्य जन्म तमिलनाडु राज्ये 1888 ख्रीष्टाब्दे सितम्बर मासस्य पंचविंशतितमे आसीत्। तस्य पिता वीरश्रमिकः एकः, माता अज्ञपयित्रीणाम् आसीत्।”

हिंदी अनुवाद:
डॉ. राधाकृष्ण महानुभाव हमारे देश के द्वितीय राष्ट्रपति थे। उनका जन्म तमिलनाडु राज्य में सन् 1888 ईस्वी के सितंबर मास की 25वीं तिथि को हुआ था। उनके पिता एक वीर श्रमिक थे, और माता शिक्षिका थीं।


प्रश्न 12 – ‘षड्ऋतुवर्णनम्’ पाठ के आधार पर ग्रीष्म ऋतु की तीन विशेषताएँ लिखिए:

  1. ग्रीष्म ऋतु में अत्यधिक गर्मी होती है।
  2. सूर्य की तीव्र किरणों के कारण नदियों और तालाबों का जल सूखने लगता है।
  3. इस ऋतु में लू चलती है, जिससे जनजीवन प्रभावित होता है।

प्रश्न 13 – ‘चतुर वानर : ‘ पाठ का सारांश अपने शब्दों में लिखिए:

एक नदी किनारे एक जामुन का वृक्ष था, जिस पर एक वानर रहता था और प्रतिदिन उसके फल खाता था। वहीं नदी में एक मगर भी रहता था। वानर और मगर में मित्रता हो गई, और वानर प्रतिदिन मगर को जामुन के फल देने लगा।

एक दिन मगर अपनी पत्नी के लिए जामुन ले गया। मगर की पत्नी ने सोचा कि जो इतने मीठे फल खाता है, उसका हृदय भी उतना ही मधुर होगा। उसने मगर से वानर का हृदय लाने के लिए कहा। पत्नी के हठ के कारण मगर वानर को अपने घर ले जाने के लिए नदी के किनारे पहुँचा और उसे अपनी पीठ पर बैठाकर नदी पार करने लगा।

नदी के बीच में मगर ने वानर को बताया कि उसकी पत्नी उसका हृदय खाना चाहती है। चतुर वानर ने बहाना बनाया कि उसने अपना हृदय वृक्ष के खोखर में रख दिया है और उसे वापस ले जाना होगा। मूर्ख मगर उसकी चालाकी को न समझ सका और वानर को वापस वृक्ष पर ले गया। वानर तुरंत पेड़ पर चढ़ गया और मगर से कहा कि हृदय कभी शरीर से अलग नहीं हो सकता। उसने मगर को मूर्ख कहकर उसकी मित्रता समाप्त कर दी और कहा कि जहाँ विश्वास नहीं होता, वहाँ मित्रता भी नहीं हो सकती।


प्रश्न 14 – पाठ्यपुस्तक में से कोई चार सूक्तियाँ लिखिए जो इस प्रश्नपत्र में न आई हों:

  1. श्रद्धावान् लभते ज्ञानम् – श्रद्धावान् व्यक्ति ज्ञान प्राप्त करता है।
  2. योग: कर्मसु कौशलम् – कर्मों में कुशलता ही योग है।
  3. वीरभोग्या वसुन्धरा – पृथ्वी वीरों के द्वारा भोगी जाती है।
  4. यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता: – जहाँ नारियों की पूजा होती है, वहाँ देवता निवास करते हैं।
  5. लोभ: पापस्य कारणम्

प्रश्न 15 – संस्कृत वाक्यों का हिंदी अनुवाद करें:

  1. ‘सिन्धुः दक्षिणभारतस्य प्राचीनं राजधानिः आसीत्।’
    अनुवाद: सिंधु दक्षिण भारत की प्राचीन राजधानी थी।
  2. ‘शिक्षकः पाठं पठयति।’
    अनुवाद: शिक्षक पाठ पढ़ाता है।
  3. ‘मम नाम मोहनः अस्ति।’
    अनुवाद: मेरा नाम मोहन है।
  4. ‘मया संस्कृतं रोचते।’
    अनुवाद: मुझे संस्कृत पसंद है।

प्रश्न 16 – निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर हिंदी में लिखिए:

  1. के के सप्तमातर: स्मृताः?
    उत्तर:अपनी सगी माँ, गुरु की पत्नी, ब्राह्मण की पत्नी, राजा की पत्नी, गाय, धात्री और पृथ्वी ये सात माताएँ कही गयी है।
  2. जीवने अनुशासनं किमर्थम् आवश्यकम् अस्ति?
    उत्तर: अनुशासन से व्यक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्षम होता है।अनुशासन से समाज में व्यवस्था बनी रहती है।अनुशासन से स्वास्थ्य सुरक्षित रहता है।अनुशासन से मन शांत रहता है और एकाग्रता बढ़ती है।

प्रश्न 17 – निम्नलिखित श्लोक का हिंदी अनुवाद कीजिए:

(अ)’पत्रं पुष्पं फलं तोयं यो मे भक्त्या प्रयच्छति
 तदहं भक्त्यौपहृतमश्नामि प्रयतात्मन: ॥

अनुवाद: “जो भक्त भक्तिभाव से मुझे पत्र, पुष्प, फल, जल आदि अर्पित करता है, उस भक्त की भेंट को मैं स्वीकार करता हूं”. 


(ब) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संस्कृत में लिखिए:

  1. ग्रामजीवनं कथं भवति?
    उत्तर:  ग्राम्य जीवनं शान्तं, सुसंस्कृतं च भवति।
  2. धर्मे नष्टे किम् भवति?
    उत्तर:  धर्मे नष्टे कुलं नष्टं भवति।

अथवा:

निम्नलिखित श्लोक का हिंदी में अनुवाद कीजिए:

सुखदुःखे समे कृत्वा लाभालाभौ जयाजयौ।
ततो युद्धाय युज्यस्व नैवं पापमवाप्स्यसि।।

अनुवाद: सुख-दुःख, लाभ-हानि और जय-पराजय को समान मानकर युद्ध करो, इससे तुम पाप को प्राप्त नहीं करोगे।


(ब) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संस्कृत में लिखिए:

  1. ह्रदयः केन प्रसन्न भवति?
    उत्तर: ग्रामपथिकानां गोपालानां च सङ्गीतेन हृदयः प्रसन्नः भवति।
  2. मुक्तेः उपायः कः?
    उत्तर: सर्वधर्मान् परित्यज्य ईश्वरस्य शरण एव मुक्ततेः उपाये अस्ति 

प्रश्न 18 (अ) – निम्नलिखित श्लोक को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

श्लोक: यो ध्रुवाणि परित्यज्य अध्रुवाणि निशेवते |
ध्रुवाणि तस्य नश्यन्ति अध्रुवं नष्टमेव च ||

अर्थ – जो व्यक्ति किसी भी कार्य (या वस्तु) को प्रमाणित करता है तो उसे निश्चित रूप से किसी अन्य अनिश्चित कार्य का त्याग करना पड़ता है, ऐसा प्रतीत होता है कि वह कार्य पूरा होने पर नष्ट हो जाता है, वह अनिश्चित कार्य भी नष्ट हो जाता है |

प्रश्नों के उत्तर:

  1. ‘धुवानि’ शब्दस्य विलोमपदं किम् अस्ति?
    उत्तर:‘ध्रुवानि’ शब्दस्य विलोमपदं ‘अध्रुवानि’ अस्ति।
  2. ‘अध्रुवं नष्टमेव च’ इति वाक्यस्य हिन्दी अनुवादं कुरुत।
    उत्तर:‘अध्रुवं नष्टमेव च’ इत्यस्य हिन्दी अनुवादः “अस्थिर वस्तु नष्ट ही हो जाती है।”
  3. ‘नश्यति’ पदस्य कः अर्थः?
    उत्तर: ‘नश्यति’ पदस्य अर्थः “नष्ट होता है” अथवा “विनष्ट होता है” अस्ति।

(ब) – निम्नलिखित श्लोक की पूर्ति कीजिए:

  1. जननी जन्मभूमिश्च………..।
    उत्तर: स्वर्गादपि गरीयसी।।
  2. जनक: पञ्चमश्चैव……...।
    उत्तर: जनक: पञ्चमश्चैव जकारा: पञ्चदुर्लभा:।।

अथवा:

(अ) निम्नलिखित श्लोक को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

श्लोक:
विद्यार्थी सेवक: पान्थ: क्षुधार्तो भयकातरः।
भण्डारी प्रतिहारी च सप्त सुप्तान् प्रबोधयेत्।।

प्रश्नों के उत्तर:

  1. ‘छात्र’ शब्दस्य पर्यायपदं श्लोके किञ्चिद् प्रयुक्तम् अस्ति?
  2. उत्तर: ‘विद्यार्थी’ शब्दः।
  3. श्लोके संख्यावाची शब्दः किञ्चिद् प्रयुक्तम् अस्ति?
  4. उत्तर: ‘सप्त’ (जिसका अर्थ है ‘सात’)।
  5. ‘सत्सु सुभाषण प्रबोधेव’ इति वाक्यस्य हिन्दी अनुवादं कुरुत।
  6. उत्तर: ‘सज्जनों में अच्छे वचनों का प्रचार ही जागरूकता है।’

(ब) – निम्नलिखित श्लोक की पूर्ति कीजिए:

  1. कामं क्रोधं तथा लोभं स्वादं शृंङ्गारकौतुके।
  2. अति निद्राम् अति सेवां च विद्यार्थीह्यष्ट वर्जयेत्।।

प्रश्न 19 (अ) – अवकाश हेतु आवेदन पत्र

सेवायाम्,
श्रीमन्तः प्रधानाचार्यः महोदयः,
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयः,
जयपुरम्।

विषयः- अवकाशार्थ प्रार्थना-पत्रम्

महोदय,
सविनयं निवेदयामि यत् अहं अद्य शीतज्वरेण पीडीतोऽस्मि । अतोऽम् विद्यालयः आगन्तुं न शक्नोमि । अध्यात्म कारणात् दिन द्वयस्य अवकाशों दर्शा मामनुग्रहिष्यन्ति भवन्तः।
भवताज्ञाकारी
शिष्यः- मोहनः
कक्षा-8


(ब) – उत्तर कथन किसने किससे कहा?

  1. मयंक तीरे गच्छति” यह कथन पाठ में किसी पात्र द्वारा किसी अन्य पात्र से नहीं कहा गया है। यह एक साधारण वाक्य है जो मयंक के तट पर जाने का वर्णन करता है। इसमें कोई संवाद नहीं है।
  2. “मम व्यथा त्वत्तोऽपि अधिका” यह कथन भी किसी पाठ के संदर्भ में नहीं दिया गया है।

अथवा – पितरं प्रति लिखितं पत्रम्


पितरम् प्रति लिखितं पत्रम्

पूज्या: पितृचरणा:

सादरम् प्रणामा:

अत्र कुशलं तत्रास्तु।भवान् इदं ज्ञात्वा प्रसन्नः भविष्यति यद् अहम् अष्टश्रेण्या: अर्धवार्षिकपरीक्षायाम् प्रथमश्रेण्याम् उत्तीर्ण: अस्मि।
पूज्यमातृचरणेषु मम प्रणामाः
भवतः आज्ञाकारी पुत्री
एकता

उत्तर:

(क) ‘प्रकृतिवंदना’ पाठ के आधार पर प्रकृति की वेदना दो वाक्यों में लिखिए।

प्रकृति की वेदना (दो वाक्यों में)

  1. वृक्षों का निरंतर कटाव एवं जल का प्रदूषण प्रकृति के लिए अत्यंत पीड़ादायक है, जिससे समस्त जीव-जन्तु एवं पर्यावरण संकटग्रस्त हो रहे हैं।
  2. मनुष्यों द्वारा प्रकृति के दोहन के कारण नदियाँ सूख रही हैं और वृक्ष अपनी पीड़ा सहते हुए भी हमें फल एवं छाया प्रदान कर रहे हैं।

प्रश्न 20 – निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर 12 वाक्यों में संस्कृत भाषा में निबंध लिखिए।

(गृहम् – गृहम्)

गृहम् अत्यन्तं महत्त्वपूर्णं स्थानम् अस्ति।
सर्वे मानवाः सुखेन गृहे निवसन्ति।
गृहे माता, पिता, भ्राता, भगिनी च निवसन्ति।
गृहम् अस्माकं सुरक्षा स्थानम् अस्ति।
गृहे अस्माकं प्रियाणि वस्तूनि सन्ति।
गृहे भोजनं, शयनं च सुखेन भवति।
गृहम् सर्वदा स्वच्छं सुन्दरं च भवितव्यम्।
गृहे बन्धूनां संगमः सुखदायकः भवति।
गृहे अध्ययनं कार्यं च साधयामः।
गृहम् अस्माकं जीवनस्य आधारः अस्ति।
सर्वे जनाः स्वगृहं स्नेहेन रक्षन्ति।
गृहं विना जीवनं असम्भवम् अस्ति।